बिन्नी एवं गौरव जी को
शुभकामनाएं
शुभकामनाएं
बहन आपकी शुभकामनाएं चाहते हैं
आपसे प्रीति भोज मांगना चाहते हैं
आपके साथ रहना चाहते हैं
आपके हर्ष में बहना चाहते हैं
ये अनुरोध अकारण नही है
उन्नति आपकी कुंज डारन रही है
व्योम विस्तृत फैलता रहा है
जीवन तारा जलता रहा है
अर्णव सी कीर्ति चतुर्दिक
आशीष सबका रहे हार्दिक
आपका गौरव मान रहे
चतुर्दिक सम्मान रहे
आराधना से शेष महेश की
कीर्ति रहे सन्तोष सुरेश की
जीवन धारा चलती रहे
तारा डाली फलती रहे
आपसे प्रीति भोज मांगना चाहते हैं
आपके साथ रहना चाहते हैं
आपके हर्ष में बहना चाहते हैं
ये अनुरोध अकारण नही है
उन्नति आपकी कुंज डारन रही है
व्योम विस्तृत फैलता रहा है
जीवन तारा जलता रहा है
अर्णव सी कीर्ति चतुर्दिक
आशीष सबका रहे हार्दिक
आपका गौरव मान रहे
चतुर्दिक सम्मान रहे
आराधना से शेष महेश की
कीर्ति रहे सन्तोष सुरेश की
जीवन धारा चलती रहे
तारा डाली फलती रहे
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