Sunday, September 8, 2019

बाल आकांक्षा-------
झिलमिल तारे झिलमिल तारे 
चमके -चमके चंदा प्यारे 
आसमान में रहते सारे 
नहीं आते तुम पास हमारे , 
साथ नही तुम खेलोगे ,
मेरा गुस्सा झेलोगे
दीदी मुझे बताती है ,
जो मैडम उसे पढ़ाती है
दादाजी हैं लगे हुए ,
संग साथी के जुटे हुए
पास तुम्हारे आने को ,
और घमंड मिटने को
दादाजी के साथी कई
पहले भी जाते थे
कभी -कभी वो यान रास्ते में ही खो जाते थे ..
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा ,
दादाजी का कण्ट्रोल होगा
दादाजी के पास है
एक बड़ी सी दूरबीन
दादाजी के साथी देखे
चंदा तारो के सब सीन
मैं पढ़ लिख कर बड़ा बनूँगा
दादाजी की हेल्प करूँगा
नए यंत्र की खोज करूँगा
और एक दिन तुम्हे मिलूँगा

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